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Aditya L1 Mission (आदित्य L1 मिशन) :- भारत के चंद्र मिशन – चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) को चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद भारतीय एजेंसी भारतीय – इसरो (अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) का अगला मिशन “सूर्ययान मिशन” (Suryaan Mission) है इस मिशन का नाम “मिशन आदित्य L1” रखा गया है जो कि इसरो द्वारा विकसित किया गया भारत का पहला सूर्य मिशन (Sun mission) है।
आदित्य-एल1 (Aditya L1 Mission) मिशन क्या है ?
Aditya L1 (आदित्य L1) – सूर्य हमारे सौरमंडल का केंद्र हैं जिससे हमारे ग्रहों और अन्य पिंडों को ऊर्जा एवं प्रकाश प्राप्त होता है और इसके साथ सूर्य पर कई प्रकार की गतिविधिया भी होती है जैसे कि सौर फ्लेयर्स और कोरोनाल मास इजेक्शन (CMEs), इत्यादि पृथ्वी के वायुमंडल और जलवायु को प्रभावित कर सकते हैं। इसी को जानने के लिए सौर मंडल के केंद्र सूर्य का नजदीकी से निरीक्षण करने और इसके वातावरण क्षेत्र के बारे में जानने के लिए मिशन आदित्य-एल1 को सूर्य के वायुमंडल और कोरोना का अध्ययन के लिए भेजा जा रहा है, ताकि हम सूर्य की गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझ सकें।
आदित्य L1 (Aditya L1 Mission) मिशन का उद्देश्य
सूर्य के वायुमंडल और कोरोना के संरचना और गतिशीलता को समझना सौर फ्लेयर्स और कोरोनाल मास इजेक्शन (CMEs) की उत्पत्ति और विकास को समझना सौर गतिविधि और अंतरिक्ष मौसम के बीच संबंधों को समझना सौर गतिविधि के प्रभावों को पृथ्वी के वातावरण और जलवायु को प्रभावित करने वाले कारको को समझना।
About Aditya L1 Mission
मिशन का नाम | आदित्य L1 |
मिशन का प्रकार | सूर्य मिशन |
मिशन का कार्य | सौर मंडल अध्ययन |
मिशन विकसित | ISRO द्वारा |
Aditya L1 Budget | Rs 400 करोड़ |
मिशन की अवधि | 5.2 वर्ष |
Aditya L1 Rocket | PSLV C57 |
ISRO Website | www.isro.gov.in |
मिशन आदित्य L1 (Aditya L1) कहाँ भेजा जायेगा ?
Aditya L1 Mission :- मिशन आदित्य L1 को सूर्य और पृथ्वी के बीच 15 लाख KM पर स्थित L1 पॉइंट हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। L1 पॉइंट के चारों ओर की ऑर्बिट क्षेत्र को “हेलो ऑर्बिट” कहा जाता है। इस L1 पॉइंट के आस-पास हेलो ऑर्बिट में रखा गया है जहाँ से सैटेलाइट सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देख सकता है। जिससे रियल टाइम में सोलर एक्टिविटीज और अंतरिक्ष के मौसम पर भी नजर रखी जा सकेगी। आदित्य L1 के पेलोड कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर एक्टिविटीज की विशेषताओं, कणो की गति और अंतरिक्ष मौसम को समझने के लिए जानकारी देंगे।
L1 Point क्या हैं ?
Lagrangian libration point (L1) – लग्रंगियन लाइब्रेशन पॉइंट 1 या L1 पॉइंट सूरज और पृथ्वी के बीच का एक विशेष स्थान है जहाँ गुरुत्वाकर्षण बल और सूर्य की बहुत अधिक रोशनी के कारण वैज्ञानिक अध्ययन की शुद्धि मिलती है। लैग्रेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है। यह एल-1 के नाम से जाना जाता है।
लाइब्रेशन पॉइंट (L1), एक गुरुत्वाकर्षण बिंदु होता है जो दो बड़े ग्रहों या बड़े उपग्रहों के बीच होता है, जैसे कि सूर्य और पृथ्वी के बीच का गुरुत्वाकर्षण पॉइंट सूर्य-पृथ्वी L1 पॉइंट होता है। इस पॉइंट पर गुरुत्वाकर्षण बल (केंद्रग़ुरुत्व) और सेंट्रिफ़्यूगल फ़ोर्स (केंद्रिक प्रवृत्ति) के बीच एक संतुलन स्थिति होती है, जिसके कारण एक वस्तु या उपग्रह वहाँ पर स्थित रह सकता है और स्थिर रूप से गति नहीं करता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं जिसे L1, L2, L3, L4, L5 कहा जाता है।
L1 पॉइंट का उपयोग – लाइब्रेशन पॉइंट (L1) का उपयोग अंतरिक्ष अनुवादी उपग्रहों के लिए किया जाता है, जैसे कि धरती के चारों ओर कैसे गतिविधियाँ हो रही हैं उनका निगरानी करने के लिए जैसे कि मौसम अनुसंधान और भू-स्थिति परिचय। L1 पॉइंट से अंतरिक्ष उपग्रह धरती की ओर मुख करते हैं और वहाँ से धरती की गतिविधियों का मॉनिटर करते हैं।
Aditya L1 Mission के उपकरण
मिशन आदित्य L1 में प्रमुख 7 उपकरण लगे हुवे है जो निम्न प्रकार से कार्य करेंगे।
- सोलर कॉरोनल इमेजर (SCI): यह उपकरण सूर्य के कोरोना को चरम पराबैंगनी (EUV) प्रकाश में छवि देगा |
- सोलर एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SXS): यह उपकरण सूर्य के एक्स-रे स्पेक्ट्रम को मापेगा।
- सोलर विंड प्लाज़्मा विश्लेषक ( SWAP) : यह उपकरण सौर हवा के प्लाज़्मा को मापेगा।
- मैग्नेटोमीटर (MAG): यह उपकरण सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा।
- सोलर पार्टिकल मॉनिटर (SPM): यह उपकरण सौर ऊर्जा कणों को मापेगा।1
- इन सीटू सोलर स्पेक्ट्रोमीटर (ISS): यह उपकरण सौर हवा प्लाज़्मा और ऊर्जा कणों को इन सीटू मापेगा।
Live Aditya L1 Mission Launching Video
ISRO Aditya L1 Live Video :- मिशन आदित्य L1 का लाइव प्रसारण 11:20 AM पर शुरू कर दिया जायेगा जो की इसरो की ऑफिसियल वेबसाइट, ISRO Youtube चैनल, ISRO Facebook Page पर किया जायेगा और समय समय पर Aditya L1 Update लिए ISRO Twitter अकाउंट माधयम से जुड़ सकते है।
FAQ – About Aditya L1 Mission
प्रश्न-1. मिशन आदित्य L1 कब लॉन्च होगा ?
उत्तर-2 सितंबर 2023 को भारतीय मानक समय अनुसार सुबह 11:50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा द्वीप के अंतरिक्ष केंद्र “सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र” से राकेट PSLV C57 के माध्यम से लॉन्च होगा।
प्रश्न-2. मिशन आदित्य L1 कहाँ भेजा जायेगा ?
उत्तर- आदित्य L-1 को सूर्य के वायुमंडल और कोरोना का अध्ययन के लिए L1 Point पर भेजा जायेगा।
प्रश्न-3. मिशन आदित्य L1 कब पहुंचेगा ?
उत्तर- Mission Aditya-L1 सूर्य और पृथ्वी 15 लाख KM दूर L1 पॉइंट के चारो ओर स्थित “हेलो ऑर्बिट” में पहुँचने में 4 महीने या 120 दिन का समय लेगा।
प्रश्न-4. L1 पॉइंट क्या होता है ?
उत्तर- L1 पॉइंट को “लाइब्रेशन पॉइंट” कहाँ जाता है जो की एक सूर्य और पृथ्वी के बीच वह विशेष बिंदु है जहाँ गुरुत्वाकर्षण बल संतुलन स्थिति में रहता है यह दो बड़े ग्रहों या बड़े उपग्रहों के बीच होता है, जिसके कारण एक वस्तु या उपग्रह वहाँ पर स्थित रह सकता है।
प्रश्न-5. सूर्य से पृथ्वी के बीच कितनी दुरी है ?
उत्तर- पृथ्वी से सूर्य के बीच दूरी करीब 151.40 मिलियन किलोमीटर है।
प्रश्न-6. मिशन आदित्य L1 लॉंच तिथि और समय क्या है ?
उत्तर- Aditya L1 Mission की लॉन्च तिथि 2 सितंबर 2023 को भारतीय मानक समय अनुसार सुबह 11:50 बजे हैं।
प्रश्न-7. मिशन आदित्य L1 कहाँ से लॉंच किया जायेगा ?
उत्तर- Aditya L1 Mission को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा द्वीप के अंतरिक्ष केंद्र “सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र” से लॉन्च किया जाएगा।
प्रश्न-8. श्री हरिकोटा कहाँ पर स्थित है ?
उत्तर- आंध्र प्रदेश में स्थित है।
प्रश्न-9. मिशन आदित्य L1 राकेट का नाम क्या हैं ?
उत्तर- Polar Satellite Launch Vehicle – PSLV C57