भारत सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ,”जननायक” कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इस साल कर्पूरी ठाकुर जी की जन्मशताब्दी भी मनाई जा रही है। उनकी 100 वी जयंती की पूर्व संध्या पर भारत रत्न देने का एलान किया है।
कर्पूरी ठाकुर जीवनी (biography)
स्वतन्त्र सेनानी, शिक्षक और बिहार के मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का जन्म – 24 जनवरी 1924 को हुआ था। तथा उनका निधन 18 फरवरी 1988 को हुआ।
कर्पूरी ठाकुर को “गरीबों का ठाकुर” भी कहते है ।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा.
भारत रत्न 2024
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा । 2024 भारत रत्न पुरस्कार 24 जनवरी 2024 को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जा रहा है।
कर्पूरी ठाकुर जी ने पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे.
भारत रत्न प्राप्तकर्ता कर्पूरी ठाकुर के बारे में
- भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लेने के चलते उन्हें 26 महीनो तक अंग्रेजों ने जेल में कैद करके रखा।
- कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार उप- मुख्यमंत्री भी रह चुके है.
- यह बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी थे.
- उन्होंने पहली बार 1952 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत गए उसके बाद एक भी चुनाव नहीं हरा ।
- 1967 में कर्पूरी ठाकुर ने डिप्टी CM बनने पर बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया.
- ठाकुर साहब का जब निधन हुआ तो विरासत में देने के लिए उनके पास एक मकान तक उनके पास नहीं था।
- इन्होंने पूरी जिंदगी वंशवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई।